Wednesday, August 31, 2011

यह सपना मुझे हकीकत से भी प्यारा है,

     यह सच है कि मैं तुमसे और तुम्हारी जिन्दगी से जुडीं हूं।
     जज्बात तो हैं पर तुमसे बयां करना  नहीं आता,
     तुम गैर नहीं पर फिर भी तुमसे कहना नहीं आता,
     हां तुम जिन्दगी की हकीकत हो,
     पर ये भी तुमसे कहना नहीं आता।
     एक सपना जो मैनें देखा मेरे और तुम्हारे लिए,
     उस सपने की महक मेरी जिन्दगी में है,
     ख्वाब ओर ह्कीकत का अंतर तो पता नहीं,
     हां ,ये सच है कि यह सपना मुझे हकीकत से भी प्यारा है,
     तुमसे कुछ ना कह्ने का कारण बस इतना ही है,
     तुमसे दूर जाने से डर लगता है,
     तुम्हारे इंकार से डर लगता है,
     तुम्हारी बेरूखी से डर लगता है,
     हां ,ये सच है कि यह सपना मुझे हकीकत से भी प्यारा है,




Saturday, August 27, 2011

यह कैसे खवाब तुम इन पलकों पे देकर चले गए|

यह कैसे खवाब  तुम इन पलकों पे देकर  चले गए|

कितने अजीब ज़िन्दगी के ये रास्ते हैं  
कितनी खामोश ये राहें हैं
यूँ चुपचाप हम चल तो दिए
 पर तुम तक  पहुचनेमें  कितनी रातें  अभी बाकी है..