क्या कहू,
किससे कहू ,
कैसे बयान करू ,
यह सच है,
तुमसे दूर जाकर हि समझ आया,
तुम्हारे पास रहने का मतलब ,
यह सच है ,कि तुम बहुत दूर चाले गये हो,
जैसे चांद आसमान में ,जैसे तारे आसमान में ,
फिर दिल ने यही कहा ,
कुछ ख्वाब थे जो अधूरे रह गए ..
कुछ बातें थी जो अनकही रह गयीं ..
कुछ यादें थी जो झिलमिल -सी हो गयी ..