Sunday, July 22, 2012

यह सपना मुझे हकीकत से भी प्यारा है,


यह   सपना   मुझे   हकीकत  से  भी  प्यारा  है,
  तुम्हारा साथ मुझे हर बन्धन से भी प्यारा है। 



कहते-कहते बात लबों पर आकर रूक जाती है,

पर तुम्हारे सामने आते ही ये आखें तुमसे बहुत कुछ कह जाती है।
    





 यह सच है कि मैं तुमसे और तुम्हारी जिन्दगी से जुडीं हूं।


       जज्बात तो हैं पर तुमसे बयां करना  नहीं आता,



     तुम गैर नहीं पर फिर भी तुमसे कहना नहीं आता,
     हां तुम जिन्दगी की हकीकत हो,
     पर ये भी तुमसे कहना नहीं आता।
     एक सपना जो मैनें देखा मेरे और तुम्हारे लिए,
     उस सपने की महक मेरी जिन्दगी में है,
     ख्वाब ओर ह्कीकत का अंतर तो पता नहीं,
     हां ,ये सच है कि यह सपना मुझे हकीकत से भी प्यारा है,
     तुमसे कुछ ना कह्ने का कारण बस इतना ही है,
     तुमसे दूर जाने से डर लगता है,
     तुम्हारे इंकार से डर लगता है,
     तुम्हारी बेरूखी से डर लगता है,
     हां ,ये सच है कि यह सपना मुझे हकीकत से भी प्यारा है,





देखो!यह है मेरा बचपन ।


देखो!यह है मेरा बचपन ।
कितना निश्चल ,कितना प्यारा।

देखो! यह है मेरा बचपन ।
कभी आकाश में उडते हवाई जहाज को देखकर,
साथ पंछी बनकर उडता -बचपन।

देखो! यह है मेरा बचपन।
कभी पानी वाली मछ्ली को देखकर ,
उसकी छटपटाहट को महसूस करता-बचपन

देखो! यह है मेरा बचपन।
कभी कागज की कश्ती बनाकर,पानी में तैरता सा-बचपन।

देखो! यह है मेरा बचपन।
कभी दोस्तों के साथ रंग-बिरंगे सपने -सा बुनता-बचपन।

देखो! यह है मेरा बचपन।
कभी पतंग लेकर ढील देता सा-बचपन।

देखो! यह है मेरा बचपन।
कभी क्लास में टीचर का डंडा खाकर मुस्कुराता सा-बचपन।
देखो! यह है मेरा बचपन।

Saturday, July 21, 2012

यह सपना मुझे हकीकत से भी प्यारा है,


यह   सपना   मुझे   हकीकत  से  भी  प्यारा  है,

तुम्हारा साथ मुझे हर बन्धन से भी प्यारा है।

कहते-कहते बात लबों पर आकर रूक जाती है,
पर तुम्हारे सामने आते ही ये आखें तुमसे बहुत कुछ कह जाती है।